मालूम नहीं मेरा होसला कब तक हैं,
मंजिल में ना जाने राही कब तक हैं,
मंजिल और राही साथ में जब तक हैं,
मेरी जिन्दगी की ये चुनोती तब तक हैं!
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Maya Manzil
maya.manjil@gmail.com
मंजिल में ना जाने राही कब तक हैं,
मंजिल और राही साथ में जब तक हैं,
मेरी जिन्दगी की ये चुनोती तब तक हैं!
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