पत्थर की लकीर को तक़दीर ना कहो ,
किसी की बेबशी को मज़बूरी ना कहो,
जीने के अंदाज को चलन ना कहो,
अगर जीन्दगी में कुछ पाना हैं तो ,
वक़्त के बदलाव को कुछ ना कहो !
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Maya Manzil
maya.manjil@gmail.com
किसी की बेबशी को मज़बूरी ना कहो,
जीने के अंदाज को चलन ना कहो,
अगर जीन्दगी में कुछ पाना हैं तो ,
वक़्त के बदलाव को कुछ ना कहो !
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Maya Manzil
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