वक़्त के हाथो कभी मजबूर न बनने दो ,
मजबूरी को ये खबर न होने दो ,
वक़त को अपनी मुट्ठी में रहने दो ,
तक़दीर को कभी ये अहसास ना होने दो !
*****************************
वक़त वो है जो कभी रुकता नहीं,
लहरे वो है जो कभी ठहरती नहीं ,
समंदर वो है जो कभी सूखता नहीं ,
हम वो ह जो मंजिल में मुड़कर देखते नहीं !
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पत्थर की लकीर को तक़दीर ना कहो ,
किसी की बेबशी को मज़बूरी ना कहो,
जीने के अंदाज को चलन ना कहो,
अगर जीन्दगी में कुछ पाना हैं तो,
वक़्त के बदलाव को कुछ ना कहो.
*************************
Maya Manzil
maya.manjil@gmail.com
मजबूरी को ये खबर न होने दो ,
वक़त को अपनी मुट्ठी में रहने दो ,
तक़दीर को कभी ये अहसास ना होने दो !
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वक़त वो है जो कभी रुकता नहीं,
लहरे वो है जो कभी ठहरती नहीं ,
समंदर वो है जो कभी सूखता नहीं ,
हम वो ह जो मंजिल में मुड़कर देखते नहीं !
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पत्थर की लकीर को तक़दीर ना कहो ,
किसी की बेबशी को मज़बूरी ना कहो,
जीने के अंदाज को चलन ना कहो,
अगर जीन्दगी में कुछ पाना हैं तो,
वक़्त के बदलाव को कुछ ना कहो.
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