सूरज की किरणों को धरती पे गिरते हमने देखा,
बहती नदी के पानी को सागर में मिलते हमने देखा,
धरती पे रंग बिरंगे फूल खिलते हमने देखा,
इस छोटी सी दुनिया में वो सब हमने देखा!
किसी के सपनो को टूटते हमने देखा,
अपनों का साथ छुटते हमने देखा,
अरमानो को मिटटी में मिलते हमने देखा,
इस छोटी सी दुनिया में वो सब हमने देखा!
इंसान को वक़त की कटपुतली बनते हमने देखा,
नाविक की कसती को लहरों में डूबता हमने देखा,
मंजिल में मुसाफिर को अड्चानो से रुकते हमने देखा,
इस छोटी सी दुनिया में वो सब हमने देखा!
आँखों से आंसू को निकलते हमने देखा,
आग से इंसान को झुलसते हमने देखा,
खुशियों को गम में बदलते हमने देखा,
इस छोटी सी दुनिया में वो सब हमने देखा!
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Maya Manzil
maya.manjil@gmail.com
बहती नदी के पानी को सागर में मिलते हमने देखा,
धरती पे रंग बिरंगे फूल खिलते हमने देखा,
इस छोटी सी दुनिया में वो सब हमने देखा!
किसी के सपनो को टूटते हमने देखा,
अपनों का साथ छुटते हमने देखा,
अरमानो को मिटटी में मिलते हमने देखा,
इस छोटी सी दुनिया में वो सब हमने देखा!
इंसान को वक़त की कटपुतली बनते हमने देखा,
नाविक की कसती को लहरों में डूबता हमने देखा,
मंजिल में मुसाफिर को अड्चानो से रुकते हमने देखा,
इस छोटी सी दुनिया में वो सब हमने देखा!
आँखों से आंसू को निकलते हमने देखा,
आग से इंसान को झुलसते हमने देखा,
खुशियों को गम में बदलते हमने देखा,
इस छोटी सी दुनिया में वो सब हमने देखा!
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Maya Manzil
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